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अगले महीने से लग सकता है बच्चों को कोरोना वैक्सीन …पढ़िये पूरी ख़बर…

दिल्ली /ब्यूरो

नई दिल्ली

22 नवंबर

देश में बच्चों के टीकाकरण की दिशा में सरकार और वैक्सीन तैयार करने वाली कंपनियां लगातार काम कर रही हैं। अब खबर है कि अगले 2 हफ्ते में सरकार के टॉप एडवाइजरी ग्रुप की एक मीटिंग हो सकती है, जिसमें बच्चों का टीकाकरण करने की योजना पर चर्चा संभव है। NDTV की खबर के मुताबिक, अगले 2 हफ्ते के अंदर होने वाली इस मीटिंग में युवाओं को भी अतिरिक्त डोज (बूस्टर डोज) पर चर्चा हो सकती है
जानकारी के मुताबिक, भारत में टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह और एनटीएजीआई बच्चों के टीकाकरण के अलावा युवाओं की अतिरिक्त डोज पर भी एक व्यापक योजना तैयार करेगा। संभव है कि जनवरी से ऐसे बच्चों का टीकाकरण पहले शुरू हो सकता है, जिन्हें कोमॉरबिटीज (पहले से किसी तरह की कोई बीमारी) है। वहीं मार्च से अन्य सभी योग्य बच्चों के टीकाकरण के शुरू होने की उम्मीद है। इसके अलावा युवाओं को बूस्टर डोज दिए जाने का विषय भी बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि कुछ देशों ने इसे शुरू भी कर दिया है। बूस्टर डोज से कोरोना संक्रमण से सुरक्षा अत्यधिक सुनिश्चित होती है।

बच्चों का टीकाकरण है सरकार की प्राथमिकता में

आपको बता दें कि बच्चों का टीकाकरण अभियान इस वक्त सरकार की प्राथमिकता में है, क्योंकि कोरोना संक्रमण अभी भी हमारे बीच में है, लेकिन इन हालात में भी देश के लगभग सभी राज्यों में स्कूलों को खोला जा चुका है। साथ ही ऑफलाइन क्लासेस भी चल रही हैं। कोरोना की दूसरी लहर के बाद सभी को बच्चों की अधिक चिंता है, क्योंकि व्यस्क आबादी को टीका लगाया जा चुका है और अभी लगाया जा रहा है।

बूस्टर डोज पर भी हो रही है चर्चा
वहीं दूसरी तरफ दुनिया भर के नीति निर्माताओं और वैज्ञानिकों के बीच बूस्टर डोज पर भी खूब चर्चा चल रही है। कोमॉरबिटीज, बुजुर्गों और अन्य हाई रिस्क वाले समूहों बूस्टर डोज की सिफारिश कर चुके हैं। अमेरिका ने सबसे पहले बूस्टर डोज को लगाने की प्रक्रिया शुरू की है। वैज्ञानिक मानते हैं कि ये सही वक्त है कि बूस्टर डोज की शुरुआत की जाए। हालांकि अभी थोड़ा संदेह है, जिसका समाधान निकालने में वैज्ञानिक लगे हैं। चिकित्सा विशेषज्ञों के लिए बूस्टर एक विवादास्पद मुद्दा रहा है। यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन, या यूएसएफडीए को सलाह देने वाले एक स्वतंत्र पैनल ने सितंबर में शुरू में सभी के लिए बूस्टर उपलब्ध कराने के खिलाफ मतदान किया था।