जहाँ एक तरफ़ धर्म की राजनीति सदैव भाजपा में होती रही और लाभ भी मिलता रहा वहीं धर्म की नगरी में ही हुई करारी हार वज़ह …
वहीं दूसरी तरफ़ देश नही विदेशों में भी मोदी मंत्र कारगर होता है पर 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में नाकामयाब रहा आख़िर क्यूँ …?
क्या मोदी मैजिक नही सफ़ल हो पाया नेताओ पर या मोदी मैजिक के विपरीत रहे लोकसभा के टिकट पाने वाले मंत्री और नेता या सत्ता के नशे में चूर रहे साढ़े चार वर्ष मोदी मैजिक के सांसद और मंत्री जिन्हें जनता की जरूरत नही थी सिर्फ़ पार्टी के सिम्बल की जरूरत थी जिसे पाकर वो अलादीन का चिराग समझ कर निकल गए अपने चुनावी लोकसभा क्षेत्र में जहाँ जिन्न बोतल से निकला पर मैजिक हवा और भीड़ में दिखाया ना कि इस बार की सती सावित्री बनी EVM पर जिसके कारण मोदी नाम पर जीत का सपना बना हार का कारण
भाजपा के अधिकतर सांसद पिछले चुनावों की तरह ही इस बार भी मोदी के नाम पर चुनाव जीतने का सपना देख रहे थे। पांच वर्षों में जनता के बीच में रहने की बजाय सांसदों ने उनसे दूरी बना
आधे से अधिक सांसदों की हार ने प्रदेश में भाजपा को बड़ा झटका दिया है। पार्टी को चुनावी मैदान में उतरे अधिकतर सांसदों की पांच वर्षों की निष्क्रियता का खामियाजा उठाना पड़ा है। भाजपा ने अपने 47 सांसदों को टिकट दिया था।
भाजपा के खराब प्रदर्शन की सबसे बड़ी वजह सांसद ही बने। अधिकतर से मतदाता नाराज थे। इसके बाद भी भाजपा व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम पर 21 ने जीत दर्ज की है
भाजपा के हारे हुए सांसदों की लिस्ट
भाजपा के हारने वाले सांसदों में फतेहपुर से निरंजन ज्योति, मोहनलालगंज से कौशल किशोर, मुजफ्फरनगर से संजीव कुमार बलियान, आंवला से धर्मेंद्र कश्यप,आजमगढ़ से दिनेश लाल निरहुआ, बांदा से आरके सिंह पटेल, बस्ती से हरीश द्विवेदी, चंदौली से महेंद्र नाथ पांडेय, धौरहरा से रेखा वर्मा हारी।
एटा से पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह, इटावा से रामशंकर कठेरिया, फैजाबाद से लल्लू सिंह, जालौन से भानु प्रताप सिंह वर्मा, कैराना से प्रदीप कुमार, कन्नौज से सुब्रत पाठक, कौशांबी से विनोद सोनकर, मछलीशहर से बीपी सरोज, प्रतापगढ़ से संगम लाल गुप्ता, रामपुर से धनश्याम लोधी, सलेमपुर से रवींद्र कुशवाहा, संत कबीर नगर से प्रवीण कुमार निषाद, सीतापुर से राजेश वर्मा व सुुल्तानपुर से मेनका गांधी तथा हमीरपुर से पुष्पेंद्र सिंह शामिल हैं।
क्या इन नेता मंत्री को 2024 का चुनाव सबब देगा या फ़िर वो मोदी मैजिक को बनाने और मोदी शाह को लुभाने में लगेंगे या फिर अपनी ग़लती को देख समझ के सुधारने में लगेंगें अब ये तो समय बताएगा फ़िलहाल सरकार बनने तक पढ़ते रहिये अपना विश्वसनीय एप api live today news app
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