वाराणसीः पश्चिम बंगाल के चुनाव के दौरान मशहूर हुआ स्लोगन ‘खेला होबे’ अब बंगाल से उत्तर प्रदेश पहुंच गया है. उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में इस स्लोगन में थोड़ा बदलाव करते हुए समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक अब्दुल समद अंसारी ने इसे अपने पार्टी के प्रचार के रूप में अपने ही घर के बाहर व अंदर की दीवारों पर लिखवाया है कि “उम्मीद की साइकिल, 2022 में खेला होई”.
बता दें कि समाजवादी पार्टी नेता अब्दुल समद अंसारी ने नगर निगम निकाय चुनाव से अपना राजनीतिक सफर तय करते हुए उत्तर प्रदेश के 2007 के विधानसभा चुनाव में वाराणसी के शहर उत्तरी से विधायक चुने गए. उत्तर प्रदेश में होने वाले 2022 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पूर्व विधायक ने पार्टी के प्रचार के लिए “उम्मीद की साइकिल ,2022 में खेला होई” स्लोगन को अपने घर के बाहर ही लिखवा दिया. जो राहगीरों को अपनी ओर आकर्षित करता नज़र आ रहा हैं. वहीं क्षेत्र में भी इस स्लोगन की काफी चर्चा है बंगाल की जनता ने समझा “खेला होबे” का मतलब समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक अब्दुल समद अंसारी ने बताया कि पिछले दिनों बंगाल में चुनाव हुआ और पूरे देश ने देखा वहां की जनता ने एक संदेश दिया. वहां की नेता ममता बनर्जी ने एक स्लोगन दिया “खेला होबे”. पूर्व विधायक ने कहा कि बंगाल की जनता ने इस स्लोगन को पसंद किया और उसका मतलब भी समझ लिया. बंगाल की जनता ने भारतीय जनता पार्टी के संसाधनों और उनके सभी गैर लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं को ध्वस्त करते हुए ममता बनर्जी को भारी जनादेश दिया.
अब्दुल समद अंसारी ने कहा कि बंगाल चुनाव में बीजेपी की हार उसकी नीतियों की हार है, जिससे जनता त्रस्त हो गई है. 2014 से 2019 में भारतीय जनता पार्टी फिर से सत्ता में आयी और देश के अंदर नफरत का माहौल बना दिया. कोरोन काल में जिस तरह से सरकार का मैनेजमेंट था. वह पूरी तरह से फ्लॉप था. इसमें दवाओं का अभाव रहा. इसमें बड़ी मात्रा में लोगों को ऑक्सीजन नहीं मिला. जिसके कारण कई लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा. इस दौरान महंगाई चरम पर हो गई है. पेट्रोल-डीजल के साथ सरसों के तेल के दाम, दाल के दाम, सभी ट्रांसपोर्टिंग की वजह से महंगा हो गया. भारतीय जनता पार्टी के लोग कहते कुछ हैं और करते कुछ हैं. जनता ने मन बना लिया है जिस तरह से बंगाल में “खेला होबे” हुआ है. अब उत्तर प्रदेश में” 2022 में खेला होई”
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