दिल्ली/आकांक्षा सिंह
केंद्र सरकर ने बैंक खाताधारकों के हित में बड़ा फैसला किया है। सरकार ने बैंकिंग डिपॉजिट इंश्योरेंस नियम में बड़ा बदलाव करते हुए खाताधारकों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने बड़ा बदलाव करते हुए बैंकिंग इंश्योरेंस में बदलाल किया है, जिसके तहत अब खाताधारकों के क्लेम का निपटारा 90 दिनों के भीतर किया जाएगा। यानी अब अगर कोई बैंक बंद होता है या उसका लाइसेंस रद्द होता है तो 90 दिनों के भीतर खाताधारकों को उसके खाते में जमा रकम लौटा दी जाएगी। आपको बता दें कि इसकी अधिकतम सीमा 5 लाख रुपए है।
बैंक खाताधारकों के लिए अच्छी खबर
केंद्र सरकार ने खाताधारकों की बैंकिंग सुरक्षा के प्रति विश्वास बढ़ाने के लिए डिपॉजिट इंश्योरेंस में आवश्यक बदलाव किए हैं। नए नियम के मुताबिक अब बैंकों को 90 दिन के भीतर क्लेम का निपटारा करना होगा। यानी अब अगर कोई बैंक बंद होता है या उसका लाइसेंस रद्द होता है तो DICGC कानून के तहत खाताधारक को 90 दिनों के भीतर अधिकतम 5 लाख रुपए वापस किए जाएंगे।
ये भी जान लें आप बैंक में जमा कितनी रकम सुरक्षित है आपकी..
आपको बता दें कि डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के तहत बैंक खाताधारकों को 5 लाख रुपए तक की इंश्योरेंस गारंटी मिलती है। यानी अगर किसी खाताधारक के खाते में 7 लाख रुपए हैं और वो बैंक बंद हो गया तो उसे निश्चित तौर पर 5 लाख रुपए वापस मिलेंगे। आपको बता दें कि साल 2020 में इसमें सुधार किया गया। डिपॉजिट पर इंश्योरेंस कवरेज (DICGC Insurance Premium) को केंद्र सरकार ने 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया। यानी बैंक डूबने या बंद होने पर आपके खाते में जमा 5 लाख रुपए सुरक्षित है। ये कवर रिजर्व बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई DICGC देता है।
5 लाख रुपए की गारंटी
आपको बता दें कि ये गारंटी आपके सभी बैंक खातों को मिलाकर दी जाती है। यानी चाहे बैंक में आपके कितने भी खाते क्यों न हो, सभी खातों को मिलाकर आपको 5 लाख रुपए की बैंक गारंटी दी जाती है। यानी अगर आपके किसी बैंक में 5 लाख की एफडी( Fixed Deposite) करवा रखी है और उसी बैंक के बचत खाते(Saving Account) में आपने 4 लाख रुपए जमा कि हैं तो आपको दोनों मिलाकर 5 लाख रुपए ही वापस किए जाएंगे।
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