सिंगरौली/आकाश सिंह
नियमों को ताक पर रखकर किया जा रहा रोड का निर्माण कार्य
पहले खोदा सीवरेज ने फिर खोद रहा स्मार्ट सिटी
करोड़ों के खेल में अधिकारियों का मेल
सिंगरौली जिला मुख्यालय नगर निगम के अंदर में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत रोड निर्माण कार्य चल रहा है सूत्रों ने बताया कि यह रोड 9 करोड रुपए की बताई जा रही है 9 करोड रुपए किस तरह पानी में बहाए जा रहे हैं उसे बिंदु वार समझे।
1 – माजन मोड़ से लेकर कोतवाली थाने तक बनेगा रोड, पहले सीवरेज का कार्य कर रही कंपनी ने खोदा, जिसमें नियम है कि जिस रोड को जिस स्थिति में रोड को खोदेगा उस रोड को उसी स्थिति में प्रशासन को सौंपी जाएगी। रोड सीवरेज के द्वारा बनाया जा रहा है और नगर निगम के द्वारा पेमेंट किया जा रहा है। सीवरेज का पेमेंट होते ही उस रोड का टेंडर होता है और उस रोड पर पुनः निर्माण कार्य चालू हो जाता है।
2 – अध्यक्ष और महापौर नहीं होने से अधिकारी एवं प्रशासनिक अमला की मनमानी ।
3 – नियमों को ताक पर रखकर हो रहा घटिया निर्माण कार्य
4 – माजन मोड़ से लेकर कोतवाली थाने तक की रोड को बनवाने की क्या जरूरत । जब रोड अच्छी स्थिति में थी। सीवरेज के द्वारा खुद का रोड को बर्बाद कर दिया गया उस रोड को बनाने की जिम्मेदारी सीवरेज कंपनी की थी लेकिन नगर निगम के द्वारा प्रस्ताव बनाकर भेजा जाता है और रोड का टेंडर हो जाता है।
5 -माजन मोड़ से लेकर मिट बाजार तक क्यो किया जा रहा है पीसीसी?
6 – स्मार्ट सिटी के तहत रोड बनाने वाली कंपनी ने कई जगह सीवरेज के होल मैप ढक दिया क्यों नहीं की कार्यवाही ?
7 – ट्रांसपोर्ट नगर का निर्माण कार्य कर रहे फर्म के सारे कर्मचारी रोड बनवाने में लगे ट्रांसपोर्ट नगर सहित रोड में हो रही भारी धांधली।
8 – नहीं लगाया कहीं पर भी बोर्ड किसी भी निर्माण कार्य को प्रारंभ करने से पहले उस निर्माण कार्य के बारे में बोर्ड लगाया जाता है ।
आखिर जिले में इस तरह से बाहर की कंपनियां आकर और अधिकारियों के नजर के सामने खुलेआम भ्रष्टाचार जैसे कार्यकर के निकल जाती और अधिकारी उन पर कार्यवाही नहीं करते।
अंत में इसका भुगतान जनता को भुगतना पड़ता है अब देखना यह बाकी होगा कि स्मार्ट सिटी के तहत कार्य कर रही कंपनी पर क्या कलेक्टर महोदय कार्यवाही करेंगे या फिर इसी तरह भर्रे शाही ही चलता रहेगा।
क्योंकि जनता के पैसे का किस तरह से दुरुपयोग किया जा रहा है यह अगर जाना है तो सिंगरौली नगर निगम से सीखे जनता टैक्स देती है और जनता के ही कार्य को सही तरीके से अगर ना किया जाए तो कहीं न कहीं सवाल तो पूछना और सवाल करना तो बनता ही है। बड़ा सवाल यह है कि प्रस्ताव बनाने वाले के मन में ना जाने क्या समाया की कंक्रीट वाली अच्छी रोड को तोड़वा कर पीसीसी करवाया जा रहा है।
More Stories
भारत के प्रधानमंत्री को मिला सर्वोच्च नागरिक पढ़िए पूरी ख़बर… सम्मान
आज मकर संक्रांति के अवसर पर गोरक्षनाथ मंदिर में जिलाधिकारी और पुलीस अधीक्षक ने चढ़ाई खिचड़ी मेले का लिया जायजा
चला तबादला एक्सप्रेस देखें अपने ज़िले में कौन कहा गया