महराजगंज/आलोक सरागवी
महाराजगंज जिले में पुत्र की लंबी आयु के लिए हल छठ महापर्व पर माताओं द्वारा की गई विधि विधान से व्रत और पूजा।
शनिवार को माताओं द्वारा ललही छठ का व्रत और पूजन अर्चन किया गया। महापर्व पर माताओं द्वारा पुत्र की दीर्घायु के लिए शेषावतार बलदाऊ का पूजन अर्चन किया गया। भाद्रपद कृष्ण पक्ष छठी पर व्रत रखने के साथ महिलाएं पूजा अर्चना किया गया । शनिवार सुबह कुश, ढाक के पत्ते, दियाली, परसी तिन्नी का चावल व महुआ का पत्ता, भैंस के दूध की दही आदि पूजन सामग्री द्वारा महिलाओं द्वारा विधि विधान से अपने आराध्य का पूजा अर्चना किया गया। महराजगंज जिले के सभी गांव और कस्बों मे छठ पूजा की धूम रही। माताओं द्वारा छठ का व्रत रख करके पूजा अर्चना की गई। कई जगहों पर कस्बे में पूजन सामग्री की दुकानें लगाई गई। वहीं व्रती ने बताया कि महिलाएं पुत्र की दीर्घायु के लिए ललही छठ या हल छठ के व्रत के रूप में करती हैं। व्रत करने से पुत्र को दीर्घायु एवं सभी मनोकामना पूर्ण होती है। मान्यता है कि इस दिन भैंस के दूध दही का सेवन करती हैं, गाय के दूध का सेवन नहीं किया जाता। हल से जोते हुए खेत में होने वाले किसी अन्न को नहीं खाया जाता। हल छठ के व्रत से भगवान शेषावतार बलराम प्रसन्न होते हैं। और पुत्र को दीर्घायु प्रदान करते हैं। इस व्रत को लोकरीति के अनुसार महिलाएं बड़ी बुजुर्ग महिलाओं के साथ मनाती हैं। । वैसे ये व्रत तो तालाब के किनारे पूजनकर होता है, लेकिन, शहर में जगह की कमी से घर के आंगन में सरोवर खोदती हैं। गमले में भी जल भरकर पूजन की परंपरा निभाती हैं। कई जगह सामूहिक रूप से पूजन होता है। ग्रामीण क्षेत्रों में तालाब के किनारे जगह जगह समूह के रूप में महिलाओं ने एकत्रित होकर पूजा अर्चना किया।
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