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नागरिक बन पुलिस कमिश्नर ने देखी अपनी पुलिस व्यवस्था की सच्चाई साथ ही ठेले पर खड़े हो ली चाय की चुस्की देखे एक्सलूसिव तस्वीरें

वाराणसी/ब्यूरो

पुलिस कमिश्नर ने किया रियलिटी चेक, हवाई चप्पल-लाल शर्ट और जींस में जांची पुलिस की सक्रियता_

वाराणसी । पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश वैसे तो पहले से ही आम लोगों से मिलने-जुलने वाले बेहद सादगी पसंद अफसर कहे जाते हैं। उनकी सादगी एक बार फिर देखने को मिली है। शहर का हाल जानने वह आम लोगों की तरह सड़कों पर निकले। पैरों में हवाई चप्पल, लाल शर्ट और जींस में निकले पुलिस कमिश्नर ने जगह-जगह कई लोगों से बातचीत की। इस दौरान किसी को अंदाजा नहीं लगा कि वह इतने बड़े अफसर से बात कर रहे हैं। सीएम योगी ने पिछले दिनों फोन से अधिकारियों का रियलिटी चेक किया था। माना जा रहा है कि उन्हीं की तर्ज पर पुलिस कमिश्नर ने रियलिटी चेक करने की यह तरकीब निकाली थी। दोपहर करीब 12 बजे वह लंका मुख्य मार्ग पर पहुंचे और आम नागरिक की तरह घूमते टहलते ठेले पर खाने की सामग्रियां बेचने वाले दुकानदारों के पास रुके। बात करते फिर आगे बढ़ते। करीब आधे घंटे तक लंका मार्ग की पटरियों पर घूमते रहे। ठेले-पटरी वालों से बात कर पुलिस की सक्रियता जांची। आम नागरिक के तौर पर शहर में निकले पुलिस आयुक्त की दो घंटे की रियलिट चेक में पुलिस की सक्रियता नदारद मिली। चौराहे से लेकर चौकी तक पुलिस अलमस्त थी, जनता त्रस्त थी। ऐसे में कार्रवाई का चाबुक चलना तय है। पुलिस आयुक्त कैंप कार्यालय से सुबह 11.30 बजे एक निजी वाहन से बिना गनर के ही कमिश्नर निकले। बिना मातहतों को सूचना दिये छावनी क्षेत्र से नदेसर, सिगरा, भेलूपुर होते हुए लंका पहुंचे। इस दौरान तिराहों, चौराहों व बीच रास्ते में रुककर दुकानदारों, ठेले-पटरी वालों से, आम लोगों से बातचीत कर पुलिस की कार्यप्रणाली, उनकी समस्याएं भी पूछीं। लंका पहुंचने पर रविदास गेट से थोड़ी दूर वाहन से उतरे। फिर वी-2 माल के रास्ते पर पटरियों पर पैदल ही निकल पड़े। आम आदमी की तरह ठेले वालों से बात की। अतिक्रमण, कानून-व्यवस्था, सड़क पर ठेला लगाने वाले के लिए कहीं अवैध उगाही आदि की जानकारी ली। सीपी की रियलिटी चेक में सड़क से लेकर चौकी तक की पोल खुली। एक पुलिस चौकी पर आम नागरिक की तरह पहुंचे। वहां तीन सिपाही मोबाइल में व्यस्त मिले। चौकी प्रभारी के बारे में पूछा तो सिपाहियों ने बताया कि वह नहीं हैं। कुछ देर बात करने के बाद बाहर आ गये। इस दौरान सिपाही ही अपने पुलिस आयुक्त को नहीं पहचान सके।