API Live Today के लिए आवश्यकता है पूरे भारत के सभी जिलो से अनुभवी ब्यूरो चीफ, पत्रकार, कैमरामैन, विज्ञापन प्रतिनिधि की। आप संपर्क करे मो० न०:- 9451391097,7007891881 ईमेल:[email protected]

API Live Today

No.1 news portal of India

जाने राममंदिर से भाजपा के चुनावी सफ़र का इतिहास

लख़नऊ/ब्यूरो
बाबरी विध्वंस ने बदले थे उत्तरप्रदेश के सियासी समीकरण….
भाजपा सरकार अयोध्या में भव्य मंदिर का निर्माण कर रही है।
केशव प्रसाद मौर्या के मथुरा की तैयारी वाले बयान पर अखिलेश ने जिस रथ यात्रा का ज़िक्र किया है वह सितम्बर 1990 में राम मंदिर आंदोलन के लिये निकाली गई लाल कृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा है।
[banner caption_position=”bottom” theme=”default_style” height=”auto” width=”100_percent” count=”-1″ show_caption=”1″ show_cta_button=”1″ use_image_tag=”1″]
1991 मे कल्याण सिंह की सरकार बनी थी।
➡️”कोई किसी प्रकार की प्लानिंग नहीं बनाई गई थी. प्लानिंग बनती तो वो दूसरे प्रकार की कुछ बनती” : *विनय कटियार, बाबरी कांड के वक्त बजरंग दल के नेता*

➡️”विश्व हिन्दू परिषद के बड़े नेताओं के लाख कहने के बावजूद भी कारसेवक नहीं माने और तोड़-फोड़ करने लगे” : *त्रियुग नारायण तिवारी, बाबरी कांड के वक्त जनसत्ता अखबार के पत्रकार*

➡️”ढांचा टूटने के पहले डेढ़ वर्ष इसकी तैयारी की गई. जो पढ़े-लिखे लोग थे वो खून से फॉर्म पर हस्ताक्षर करते थे” : *संतोष दुबे, बाबरी कांड के वक्त शिवसेना*

➡️”लाल कृष्ण आडवाणी जी के अलावा मुरली मनोहर जोशी आगरा और बनारस से चले थे लोगों का आह्वान करते हुए कि चलना है और बाबरी मस्जिद का कलंक मिटाना है” : *राम दत्त त्रिपाठी, बाबरी कांड के वक्त बीबीसी के पत्रकार*

➡️”भीड़ आ गई नीचे. मेरी बात मानकर एक बार पूरे लड़के नीचे आ गए और उन्होंने मुझे कहा कि आप यहां से जाइए” : *उमा भारती, बाबरी कांड के वक्त बीजेपी नेता*

🆔”1855 में भी विशाल हिन्दू भीड़ ने ढांचे के एक हिस्से को नुकसान पहुंचाया था और उस संघर्ष में लगभग 100 लोग मारे गए थे. ये वाजिद अली शाह ने एक कमेटी बनाई थी उसकी रिपोर्ट थी. उस समय RSS का जन्म नहीं हुआ था” : *हेमंत शर्मा, अयोध्या के चश्मदीद*

🆔”हर सूचना को मुख्यमंत्री जी तक लगातार भेजा जा रहा था.. उन्होंने एक रेडियोग्राम भेजकर इस बात पर ज़ोर दिया कि कारसेवकों पर किसी तरह की गोलीबारी नहीं की जाएगी” : *सुरेंद्र पाल गौड़, बाबरी कांड के वक्त फैजाबाद के कमिश्नर*

🆔”आडवाणी के खिलाफ मैंने रिट दायर किया था. मुकदमा चलता रहा, कितने लोग थे उसमें. लेकिन छोटी अदालत ने उनको रिहा कर दिया. बरी कर दिया”: *हाजी महबूब, बाबरी कांड के वक्त बाबरी मस्जिद के मुद्दई*

🆔”लोगों ने चेहरे पर चूना लगा रखा था, उस समय तक मुझे नहीं पता था कि चूना लगाने से आंसू गैस का प्रभाव नहीं होता है” : *सुमन गुप्ता, बाबरी कांड के वक्त जनमोर्चा अखबार की पत्रकार*

🆔”ढांचे के गिरने के पहले मूर्ति को कारसेवकों ने ही हटा लिया था.. रात को 9:30 बजे तक उस भीड़ ने ढांचे को बराबर कर दिया” : *भास्कर दुबे, बाबरी कांड के वक्त राष्ट्रीय सहारा के पत्रकार*

🆔”कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं जिनको ऐसी शक्तियों के द्वारा संपादित किया जाता है जो दृश्यमान नहीं होती हैं. लेकिन दृश्यों को बदल देती हैं. ऐसा ही अनुभव हमने 6 दिसंबर 1992 को किया” : *साध्वी ऋतंभरा, बाबरी कांड के वक्त दुर्गावाहिनी की नेता*